प्रस्तावना
Vijay Rupani : 2 अगस्त 1956 को म्याँमार (तत्कालीन बर्मा) में जन्मे विजय रूपाणी ने साधारण आरंभ से गुजरात की राजनीति के शीर्ष तक का सफर तय किया। RSS‑जनसंघ की तपस्या, आपातकाल के दौरान जेल यात्रा, नगर निगम से लेकर मुख्यमंत्री पद तक—उनकी कहानी स्वतंत्रता, संघर्ष और सेवा की मिसाल बन गयी। हाल ही में, 12 जून 2025 को एयर इंडिया जहाज़ दुर्घटना में उनका दुखद निधन हो गया, जिससे देश में शोक की लहर दौड़ गई । इस पोस्ट में हम उनका जीवन, उपलब्धियाँ और नेतृत्व की झलकियों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
Read More :- हवाई जहाज का ब्लैक बॉक्स क्या है और यह कैसे काम करता है? – जानिए हर राज़
2. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
- जन्म और परिवारीक पृष्ठभूमि:
- जन्म: 2 अगस्त 1956, यांगून (रंगून), म्याँanmar
- जन्म के कुछ साल बाद (1960), परिवार राजकोट आ गया।
- शिक्षा और शुरुआती वर्षों:
- कला स्नातक, बी.ए. और एलएलबी की पढ़ाई राजकोट से पूरी की ।
- राजनीतिक आरंभ:
- छात्र राजनीति में सक्रिय ABVP/RSS में जुड़ाव 1971 से।
- 1976 की आपातकाल अवधि में लगभग 11 महीने जेल में रहे।
3. राजनीतिक शुरुआत—नगर निगम से नेतृत्व तक
- नगर निगम और मेयर:
- 1987 में नगर निगम, बाद में 1996–97 में राजकोट के मेयर बने ।
- BJP में तेजी:
- 1998: भाजपा गुजरात के महासचिव, 2006: गुजरात पर्यटन बोर्ड के अध्यक्ष, 2006–12: राज्यसभा सांसद ।
- राज्य कैबिनेट मंत्री (2014–16):
- विभाग: परिवहन, श्रम एवं रोजगार, जल आपूर्ति, आनंदीबेन पटेल सरकार में ।
4. मुख्यमंत्री तक का सफर
- प्रदेश अध्यक्ष (2016):
- फरवरी 2016 में BJP गुजरात प्रदेश अध्यक्ष बने ।
- मुख्यमंत्री पद ग्रहण (2016):
- 7 अगस्त 2016 को CM नियुक्त, आनंदीबेन पटेल के बाद। नितिन पटेल उप मुख्यमंत्री बनें ।
- विधानसभा चुनाव 2017 और पुनः CM:
- राजकोट पश्चिम से जीत; पार्टी ने चुनाव में पसंदंदगी दर सुरक्षा की ।
- स्टाइल और पहचान:
- शांत और विवादरहित नेतृत्व, अमित शाह सहित BJP के शीर्ष नेताओं के साथ अच्छे संबंध ।
5. विकास पहलों और योजनाएं
- शिक्षा सुधार:
- Smart Classes, NEP कार्यान्वयन, ग्रामीण शिक्षा को बढ़ावा ।
- स्वास्थ्य सेवाएं:
- 2,465 स्वास्थ्य केंद्र, MA Vatsalya स्कीम, कोविड-19 में अस्पताल क्षमता विस्तार।
- जल संचय और कृषि:
- Jal Sanchay मिशन, SAUNI योजना के जरिये सूखे इलाकों में सुधार ।
- बुनियादी ढांचा:
- स्मार्ट सिटी परियोजनाएं, Sea Connect राहगमन, Amaazia वाटर पार्क, कांकऱिया सहित शहरी विकास पहल ।
- समावेशी कार्यक्रम:
- सिख गुरुद्वारों के पुनर्निर्माण में योगदान, सफाई कर्मचारियों को सम्मान ﹣ क़ानपुर में की पहल ।
6. कोविड‑19 और संकट प्रबंधन
- महामारी में नेतृत्व:
- अस्पताल तैयार, ऑक्सीजन संयंत्र, टीकाकरण अभियान में सहयोग।
- नियंत्रण और आलोचना:
- DHAMAN‑1 वेंटिलेटर विवाद के बहाने विपक्षी हमले और स्थानीय प्रतिक्रियाएँ।
- (आप चाहें तो इस सेक्शन को गहराई से विस्तारित कर सकते हैं—ब्लॉक/डिस्ट्रीक्ट स्तर के आंकड़ों के साथ)
7. नेतृत्व शैली और आलोचनात्मक दृष्टिकोण
- अनिर्वादित, सरल छवि:
- माधुरी और सौम्यता सर्वोपरि; विपक्ष और मीडिया दोनों में सकारात्मक छवि बनाना
- नीतिगत नेतृत्व:
- गैर‑विवादित लेकिन रणनीतिक कदम, भाजपा में सहयोग और दिल्ली से तालमेल ।
- आलोचनाएँ:
- वित्तीय गड़बड़ी आरोप (2011), चुनाव न लड़ने का निर्णय (2022) ।
8. 2021 में इस्तीफा और उपचुनाव
- पांच साल की कार्यकाल अवधि के बाद सितंबर 2021 में इस्तीफा, भूपेंद्र पटेल को CM नियुक्त किया गया ।
- रूपाणी ने चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय देते हुए नई पीढ़ी को मौका देने की बात कही ।
9. निधन की दुखद घटना: एयर इंडिया क्रैश (2025)
- घटना:
- 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया फ्लाइट क्रैश; 242 यात्री, उसके साथी में रूपाणी जी भी थे ।
- निधन:
- पति अपनी पत्नी को लंदन से लाने के लिए यात्रा पर थे ।
- राजकीय प्रतिक्रियाएँ:
- उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक बोले, “उनकी आवाज सुनने की आदत थी— बहुत सरल और सेवाभावी” ।
- BJP के वरिष्ठ नेताओं, CR Patil समेत कई ने श्रद्धांजलि अर्पित की ।
- शोक और मांग:
- राज्य में शोकगीत, जांच आयोग की मांग, केंद्र सरकार की ₹1 करोड़ परिवार सहायता घोषणा ।
10. विरासत और सीख
- राजनीतिक स्थिरता और नीतिपरक शासन:
- सत्ता में रहते हुए बिना विवाद, विकास पर ध्यान—राजनीतिक संतुलन की मिसाल।
- समावेशी और मानवतावादी पहल:
- गुरुद्वारों का पुनर्निर्माण, सफाई कर्मचारी सम्मान, महिलाएँ और अल्पसंख्यकों के लिए योजनाएं ।
- नेतृत्व में अनुशासन:
- RSS शिक्षा, आपातकाल विरोध और सार्वजनिक जीवन की शांत शैली।
11. निष्कर्ष
विजय रूपाणी जी का जीवन संघर्ष, सेवा और बुद्धिमान नेतृत्व का जीता-जागता उदाहरण रहा। म्याँमार से आए साधारण परिवार से शुरूआत, RSS/ABVP की धरती से राजनीत तक का सफर प्रेरणादायी है। उनके कार्यकाल ने गुजरात में शिक्षा, स्वास्थ्य, जल संसाधन और बुनियादी ढांचे में व्यापक बदलाव लाए। शांतिपूर्ण शैली, विवादों से दूर नीति‑प्रवाह वाले नेतृत्व, और अंततः 2025 की दुखद घटना—ये सब मिलकर उनको राजनेता की परिभाषा का हिस्सा बनाते हैं।
उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बनेगी: निष्ठा, अनुशासन, विकास, और साधारण जीवन की महानता।