सावन का महीना हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह महीना भगवान शिव की आराधना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इस महीने में शिव भक्त विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। यदि आप भी इस सावन शिव जी की पूजा करना चाहते हैं, तो यहां 10 सरल स्टेप्स बताए जा रहे हैं जिनसे आप शिव पूजा कर सकते हैं। साथ ही जानिए, शिवलिंग पर क्या-क्या चढ़ाएं और किन मंत्रों का जप करें।
1. स्नान और शुद्धि
पूजा से पहले खुद का शुद्धिकरण करना आवश्यक है। स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा स्थल को भी साफ करें। शुद्धि से मन और आत्मा दोनों पवित्र होते हैं, जिससे पूजा में एकाग्रता बनी रहती है।
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2. पूजा सामग्री की तैयारी
शिव पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
- जल और गंगाजल
- बिल्वपत्र (बेलपत्र)
- धतूरा
- भांग
- आक के फूल
- सफेद चंदन
- चावल
- दीपक
- अगरबत्ती
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण)
- मिठाई
3. शिवलिंग की स्थापना
शिवलिंग की स्थापना एक पवित्र स्थान पर करें। ध्यान रहे कि शिवलिंग को ऐसे स्थान पर रखें जहां कोई अशुद्ध वस्तु न हो। यदि आप घर में शिवलिंग स्थापित कर रहे हैं, तो उसे पूजा के लिए एक निश्चित स्थान पर रखें।
4. जलाभिषेक
शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विशेष महत्व है। गंगाजल से अभिषेक करना सबसे उत्तम माना जाता है, लेकिन यदि गंगाजल उपलब्ध न हो तो स्वच्छ जल से भी अभिषेक किया जा सकता है। जलाभिषेक से शिवलिंग शीतल होता है और भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
5. पंचामृत अभिषेक
जल के बाद पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें। पंचामृत अभिषेक में दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का उपयोग होता है। इससे शिवलिंग को स्नान कराएं और भगवान शिव को प्रसन्न करें।
6. बिल्वपत्र और फूलों की अर्पणा
भगवान शिव को बिल्वपत्र अत्यंत प्रिय हैं। शिवलिंग पर बिल्वपत्र चढ़ाएं। ध्यान रखें कि बिल्वपत्र टूटा हुआ या फटा हुआ न हो। इसके अलावा, धतूरा, आक के फूल और अन्य सुगंधित फूल भी अर्पित करें।
7. चंदन और अक्षत
शिवलिंग पर सफेद चंदन का लेप लगाएं। इसके बाद अक्षत (चावल) चढ़ाएं। सफेद चंदन और अक्षत भगवान शिव को शीतलता और शुद्धता का प्रतीक माने जाते हैं।
8. दीपक और अगरबत्ती
शिवलिंग के समक्ष दीपक जलाएं और अगरबत्ती अर्पित करें। दीपक की ज्योति से भगवान शिव को प्रकाश मिलता है और अगरबत्ती की सुगंध से वातावरण पवित्र हो जाता है।
9. मंत्र जप
शिव पूजा के दौरान निम्नलिखित मंत्रों का जप करें:
- “ॐ नमः शिवाय”: यह पंचाक्षर मंत्र भगवान शिव का सबसे महत्वपूर्ण मंत्र है।
- “महामृत्युंजय मंत्र”: यह मंत्र जीवन में सुख-समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति के लिए जपा जाता है।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
- “शिव पंचाक्षर स्तोत्र”: यह स्तोत्र भगवान शिव की स्तुति में गाया जाता है।
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै न काराय नमः शिवाय॥
10. प्रसाद और आरती
अंत में भगवान शिव को प्रसाद अर्पित करें और आरती करें। प्रसाद में मिठाई, फल, और अन्य पवित्र खाद्य पदार्थ रखें। आरती के बाद भगवान शिव की आरती करें और उन्हें धन्यवाद दें।
शिवलिंग पर क्या-क्या चढ़ाएं
शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए निम्नलिखित वस्तुएं सर्वाधिक महत्वपूर्ण मानी जाती हैं:
- जल: जलाभिषेक से शिवलिंग शीतल होता है।
- गंगाजल: पवित्रता और शुद्धि का प्रतीक।
- बिल्वपत्र: भगवान शिव को अत्यंत प्रिय।
- धतूरा और आक के फूल: शिव जी के विशेष प्रिय फूल।
- भांग: शिवलिंग पर चढ़ाई जाती है।
- सफेद चंदन: शीतलता और शुद्धता का प्रतीक।
- अक्षत (चावल): शुद्धि और समर्पण का प्रतीक।
- दीपक: ज्योति और प्रकाश का प्रतीक।
- अगरबत्ती: सुगंधित और पवित्र वातावरण का निर्माण।
सावन के महीने में शिव पूजा का महत्व
सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इस महीने में शिवलिंग की पूजा और अभिषेक से विशेष फल प्राप्त होते हैं। सावन में शिव पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति का वास होता है। इस महीने में विशेष रूप से सोमवार का व्रत रखा जाता है, जिसे ‘सावन सोमवर व्रत’ कहते हैं। यह व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए रखा जाता है।
निष्कर्ष
सावन का महीना भगवान शिव की आराधना का सर्वोत्तम समय है। 10 सरल स्टेप्स में शिव पूजा करने से आप भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिवलिंग पर जल, गंगाजल, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, सफेद चंदन, अक्षत, दीपक और अगरबत्ती चढ़ाकर शिव जी को प्रसन्न करें। साथ ही, शिव मंत्रों का जप करके भगवान शिव की आराधना करें और जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का अनुभव करें।