Paris 2024 Olympics: Inspirational quote from a young shooter ‘Manu Bhaker’

Zeel Donga
7 Min Read
Paris 2024 Olympics

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Overview

Paris 2024 Olympics : Manu Bhaker एक ऐसा नाम है जिसने भारतीय खेल जगत में अपनी एक अनूठी पहचान बनाई है। उनकी उपलब्धियाँ और संघर्ष की कहानी कई युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। मनु भाकर का नाम आज निशानेबाजी की दुनिया में एक चमकते सितारे की तरह है। इस लेख में हम मनु भाकर के जीवन, उनकी उपलब्धियों, संघर्षों और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

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Early Life

Manu Bhaker का जन्म 18 फरवरी 2002 को हरियाणा के झज्जर जिले के गोरिया गांव में हुआ था। उनके पिता, राम किशन भाकर, एक इंजीनियर हैं और माँ, सुमेधा भाकर, एक स्कूल शिक्षिका हैं। मनु का पालन-पोषण एक साधारण लेकिन प्रेरणादायक वातावरण में हुआ। उनके परिवार ने हमेशा उनके सपनों का समर्थन किया और उन्हें अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

Interest in sports

young shooter
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Manu Bhaker ने अपने जीवन की शुरुआत में विभिन्न खेलों में हिस्सा लिया। उन्होंने बॉक्सिंग, थाय क्वान डो, और स्केटिंग जैसे खेलों में भी अपनी प्रतिभा दिखाई। हालांकि, उनकी असली पहचान निशानेबाजी में बनी। 2016 में, मात्र 14 वर्ष की आयु में, उन्होंने निशानेबाजी की दुनिया में कदम रखा और अपने असाधारण कौशल से सभी को प्रभावित किया।

Initial journey into shooting

  1. प्रशिक्षण और कठिन परिश्रम:
    Manu Bhaker ने अपने कोच, जसपाल राणा, की देखरेख में कड़ी मेहनत की। उन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और धीरे-धीरे अपने कौशल को निखारा। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें जल्द ही राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
  2. पहली बड़ी सफलता:
    2017 में, मनु ने अपना पहला बड़ा राष्ट्रीय खिताब जीता। उन्होंने राष्ट्रीय निशानेबाजी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता और अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से सभी को चौंका दिया।

International success Paris 2024 Olympics

मनु भाकर की असली पहचान अंतर्राष्ट्रीय मंच पर मिली। उनके प्रदर्शन ने न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर भी उनकी प्रशंसा की।

  1. 2018 ISSF World Cup:
    2018 में, मेक्सिको में आयोजित आईएसएसएफ विश्व कप में मनु ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया और सभी को प्रभावित किया।
  2. 2018 commonwealth games:
    गोल्ड कोस्ट, ऑस्ट्रेलिया में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में मनु ने एक और स्वर्ण पदक जीता। उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें भारत के सबसे युवा स्वर्ण पदक विजेताओं में शामिल कर दिया।
  3. 2018 Asian games:
    2018 एशियाई खेलों में भी मनु ने अपनी चमक दिखाई। उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में रजत पदक जीता। उनकी इस उपलब्धि ने भारतीय निशानेबाजी के इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ा।

Struggles and Challenges

मनु भाकर की सफलता की कहानी संघर्ष और चुनौतियों से भरी हुई है। उनकी यात्रा में कई कठिनाइयाँ और असफलताएँ आईं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।

  1. मानसिक दबाव और तनाव:
    किसी भी खेल में सफलता प्राप्त करने के लिए मानसिक दृढ़ता आवश्यक होती है। मनु ने भी अपने करियर में कई बार मानसिक दबाव और तनाव का सामना किया, लेकिन उन्होंने इसे अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया।
  2. सामाजिक और पारिवारिक चुनौतियाँ:
    एक छोटे से गांव से निकलकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाना आसान नहीं होता। मनु को अपने परिवार और समाज के कई लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरना पड़ा। लेकिन उनके परिवार ने हमेशा उनका समर्थन किया और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

Inspiration and Ideals

मनु भाकर ने अपने जीवन में कई महान खिलाड़ियों से प्रेरणा ली है। उन्होंने अपनी प्रेरणा के रूप में अभिनव बिंद्रा, विजय कुमार और अन्य भारतीय निशानेबाजों को देखा है। इन खिलाड़ियों की सफलता और संघर्ष की कहानियाँ मनु के लिए प्रेरणास्रोत बनीं।

Future plans

Manu Bhaker
Manu Bhaker

मनु भाकर का लक्ष्य न केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों तक सीमित है, बल्कि वह भारतीय निशानेबाजी को नई ऊँचाइयों पर ले जाना चाहती हैं। उनके पास भविष्य के लिए कई योजनाएँ और लक्ष्य हैं।

  1. ओलंपिक खेल:
    मनु का सबसे बड़ा सपना ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना है। उन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत की है और आगे भी करती रहेंगी।
  2. युवा निशानेबाजों को प्रेरित करना:
    मनु चाहती हैं कि वह अपनी सफलता की कहानियों से युवा निशानेबाजों को प्रेरित करें। उन्होंने कई बार कहा है कि वे अपने अनुभवों को साझा करके अन्य खिलाड़ियों की मदद करना चाहती हैं।

निष्कर्ष

मनु भाकर की कहानी केवल एक खिलाड़ी की सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक युवा लड़की की संघर्ष और समर्पण की कहानी है। उनकी उपलब्धियाँ और संघर्ष हमें यह सिखाते हैं कि अगर हम अपने लक्ष्यों की ओर समर्पित रहते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं, तो कोई भी मुश्किल हमारे रास्ते में नहीं आ सकती।

मनु भाकर ने भारतीय निशानेबाजी को एक नई पहचान दी है और वह आने वाले समय में भी अपनी चमक बिखेरती रहेंगी। उनकी कहानी से हमें प्रेरणा मिलती है और हमें विश्वास होता है कि भारत में भी ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं जो अंतर्राष्ट्रीय मंच पर देश का नाम रोशन कर सकते हैं।

मनु भाकर की यह प्रेरणादायक यात्रा हमें यह सिखाती है कि अगर हमारे अंदर कुछ कर दिखाने का जुनून और समर्पण है, तो हम किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। उनकी कहानी हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगी और हमें प्रेरित करती रहेगी।

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