Iran–Israel War : इजरायल का हथियार संकट और मिसाइल मुकाबला: क्या ईरान-इजरायल टकराव बदल रहा युद्ध की परिभाषा?

Zeel Donga
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Iran–Israel War
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Iran–Israel War : 2025 में इज़राइल और ईरान के बीच मिसाइल युद्ध एक ऐसे मोड़ पर पहुंच चुका है जहाँ हथियारों की उपलब्धता ही अब जीत और हार का फैसला कर रही है। इज़राइल, जो दुनिया की सबसे एडवांस डिफेंस टेक्नोलॉजी रखने वाले देशों में गिना जाता है, आज इंटरसेप्टर मिसाइलों और गोलाबारूद की भारी कमी से जूझ रहा है।

Contents
1. Iran–Israel War : इजरायल का हथियारों और मिसाइल स्टॉक में कमी का संकट🔸 1.1 गोलाबारूद (Ammunition) की समस्या🔸 1.2 इंटरसेप्टर (Interceptor) मिसाइल का संकट🔸 1.3 लागत की चुनौतियाँ2. इजरायल की आत्मनिर्भर मिसाइल उत्पादन क्षमता🔸 2.1 डेविड्स स्लिंग (David’s Sling)🔸 2.2 ऐरो परिवार (Arrow 2 & 3)🔸 2.3 स्पैरो (Sparrow)🔸 2.4 बराक‑8 / बराक‑एमएक्स (Barak‑8 / MX)3. इजरायल के लिए हथियार आत्मनिर्भरता की दिशा🔸 3.1 रणनीतिक दृष्टिकोण🔸 3.2 स्थानीय उत्पादन के फायदे और सीमाएँ4. ईरान की मिसाइल क्षमता: एक नजर🔸 4.1 मौजूदा मिसाइल श्रेणियाँ🔸 4.2 Fattah‑1: ईरान की हाइपरसोनिक मिसाइल🔸 4.3 अतिरिक्त मिसाइलें और इलेक्ट्रॉनिक्स🔸 4.4 ईरान के रक्षा ढांचे पर आक्रमण5. हालिया टकराव की स्थिति – जून 2025 तक🔸 मई–जून की मिसाइल भिड़ंत🔸 कहां खड़ी है रोज़गार?🔸 ईरान का स्टॉक हाल🔸 निष्कर्ष: कौन कितना मजबूत?6. भविष्य की चुनौतियाँ और प्रभाव🔸 6.1 संघर्ष की अवधि🔸 6.2 आत्मनिर्भरता की राह🔸 6.3 वैश्विक प्रभाव और मध्य-पूर्व अंडरटोन7. निष्कर्ष

वहीं दूसरी ओर, ईरान ने अपने मिसाइल कार्यक्रम को नया आयाम देते हुए Fattah-1 जैसी हाइपरसोनिक मिसाइलें मैदान में उतार दी हैं। सवाल यह है कि क्या इज़राइल की सुरक्षा ढाल टूट रही है? क्या ईरान की मिसाइल क्षमता युद्ध का रुख मोड़ सकती है? इस लेख में हम आपको बताएँगे इज़राइल की हथियारों की स्थिति, वह कौन-कौन से मिसाइल सिस्टम खुद बनाता है, ईरान की सैन्य ताकत कहाँ तक पहुँची है, और यह संघर्ष वैश्विक राजनीति पर कैसा असर डाल रहा है।

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1. Iran–Israel War : इजरायल का हथियारों और मिसाइल स्टॉक में कमी का संकट

🔸 1.1 गोलाबारूद (Ammunition) की समस्या

  • जुलाई 2024 तक इज़राइल को 120 mm टैंक शेल्स की कमी स्वीकार करनी पड़ी—मैंडेटरी टैंक वुमन इनकॉर्पॉरेशन प्रोग्राम को रोक दिया गया
  • गंभीर टैंक/बुलडोज़ स्पेयर पार्ट्स की कमी – कुछ हिस्सों के लिए यूरोपीय सप्लायर्स रुक गए

🔸 1.2 इंटरसेप्टर (Interceptor) मिसाइल का संकट

  • Arrow सिस्टम: लगभग 12 दिनों तक की सुरक्षा बची—अगर वर्तमान परिमाण में मिसाइलें आ रही हैं
  • THAAD सहायता के बावजूद, फाइनेंशियल टाइम्स मानता है कि स्टॉक सीमित हैं

🔸 1.3 लागत की चुनौतियाँ

  • प्रति दिन खर्च $285 मिलियन—David’s Sling और Arrow इंटरसेप्शन में
  • तीसरी तिमाही तक वैश्विक शेल कीमतें और आपूर्ति भी प्रभावित—IMI के Ramat Hasharon संयंत्र का पुनर्विचार

2. इजरायल की आत्मनिर्भर मिसाइल उत्पादन क्षमता

🔸 2.1 डेविड्स स्लिंग (David’s Sling)

  • मध्य-दीर्घ दूरी की सतह‑से‑वायु / एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल
  • संयुक्त परियोजना: RAFAEL + Raytheon; सेवा: 2017–तब से, यूनिट लागत ~$700k

🔸 2.2 ऐरो परिवार (Arrow 2 & 3)

  • लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा
  • लिमिटेड मिकोमीटर सटीकता समेत:
    • Arrow 2 – fragmented warhead पर आधारित
    • Arrow 3 – स्पेस इंटरसेप्शन, Mach 12–17 स्पीड पर काम करता है

🔸 2.3 स्पैरो (Sparrow)

  • एयर-लॉन्चेड टार्गेट मिसाइल—Arrow सिस्टम के परीक्षण हेतु
  • Rafael द्वारा निर्मित, एयर बल द्वारा लॉन्च किया जाता है

🔸 2.4 बराक‑8 / बराक‑एमएक्स (Barak‑8 / MX)

  • लंबी दूरी की सतह-से-वायु प्रणाली—समुद्री और जमीन दोंनों प्लेटफार्म पर उपयोगी
  • भारत, अज़रबैजान, साइप्रस आदि में निर्यात हो चुका है

3. इजरायल के लिए हथियार आत्मनिर्भरता की दिशा

🔸 3.1 रणनीतिक दृष्टिकोण

  • निर्यात प्रतिबंधों के कारण आत्मनिर्भर बनने की पहल
  • BRICS आदि देशों के माध्यम से कच्चा माल सुनिश्चित करने की चुनौतियाँ—लागत में 50% तक वृद्धि

🔸 3.2 स्थानीय उत्पादन के फायदे और सीमाएँ

  • उच्च गुणवत्ता वाले सिस्टम (Arrow, David’s Sling) निर्माण में सक्षम—कम मात्रा में उत्पादन
  • सामान्य गोला-बारूद जैसे टैंक शेल्स का बड़े पैमाने पर निर्माण महंगा और मुश्किल

4. ईरान की मिसाइल क्षमता: एक नजर

🔸 4.1 मौजूदा मिसाइल श्रेणियाँ

  • शॉर्ट रेंज: Shahab‑1/2, Fateh‑* (313), Qiam
  • मीडियम रेंज: Shahab‑3, Emad, Ghadr‑110, Dezful
  • इंटरमीडिएट / लॉन्ग रेंज: Khorramshahr (Kheibar), Sejjil (2,000–4,000 km)

🔸 4.2 Fattah‑1: ईरान की हाइपरसोनिक मिसाइल

  • Mach 13–15 स्पीड, 1,400 km रेंज, ठोस ईंधन आधारित
  • पहली बार टकराव में इस्तेमाल

🔸 4.3 अतिरिक्त मिसाइलें और इलेक्ट्रॉनिक्स

  • Emad-1 (precision-guided), Cruise मिसाइल Kh‑55, Khalid Farzh (anti-ship)
  • नई Cruise मिसाइलें—Talaeieh, Qadr क्षमताओं सहित – घरेलू क्षमता मजबूत

🔸 4.4 ईरान के रक्षा ढांचे पर आक्रमण

  • लगभग 3,500 सतह-से-सतह मिसाइलें, S‑300/Bavar‑373/Tor‑M1 आदि सामरिक एयर डिफेंस

5. हालिया टकराव की स्थिति – जून 2025 तक

🔸 मई–जून की मिसाइल भिड़ंत

  • ईरान ने ~400 मिसाइलें दागीं; 90% से ऊपर इंटरसेप्शन रेट
  • इज़राइली हमलों में ईरान की मिसाइल लॉन्चर क्षमता का 1/3 नष्ट

🔸 कहां खड़ी है रोज़गार?

  • Arrow स्टॉक तनाव में—बस 12 दिनों का रक्षा स्टॉक शेष
  • इज़राइल आर्थिक दौड़ झेलना पड़ रहा है, रोज़ाना $200–285 मिलियन खर्च

🔸 ईरान का स्टॉक हाल

  • शुरू में 200–300 मिसाइलें उन्होंने छोड़ी, लेकिन वर्तमान में प्रति हमला केवल 15–20 मिसाइलें जारी की जा रही हैं
  • अनुमानित कुल स्टॉक: 2,000–3,000, लेकिन कई मिसाइल नष्ट या गैया तक है

🔸 निष्कर्ष: कौन कितना मजबूत?

पक्षताकतेंसीमाएँ
इज़राइलAir supremacy, advanced defense, self‑made missilesउच्च लागत, स्टॉक्स सीमित
ईरानशानदार उड़ान दूरी, hypersonic तकनीक, दिलचस्पी में बदलावlauncher नुकसान, कम प्रतिक्रियाशील, इंटरसेप्शन की समस्या

6. भविष्य की चुनौतियाँ और प्रभाव

🔸 6.1 संघर्ष की अवधि

  • आक्रमण खत्म तभी होगा जब मिसाइल स्टॉक्स दोनों पक्षों पर खत्त्म हो जाएँ
  • आर्थिक बोझ ईरान और इज़राइल—US सहायता/Resupply पर निर्भरता बढ़ी है

🔸 6.2 आत्मनिर्भरता की राह

  • इज़राइल अब टैंक और शेल्स खुद बनाने की ओर—IMI संयंत्र – Elbit द्वारा उत्पादन जारी
  • हालिया Reddit में रिपोर्ट में “missiles are really increasing and upgrading”—ईरान की क्षमता भी बढ़ रही

🔸 6.3 वैश्विक प्रभाव और मध्य-पूर्व अंडरटोन

  • शांति वार्ता और परमाणु समझौते अप्रत्यक्ष रूप से संदिग्ध टकराव
  • अमेरिका, यूरोप, रूस की ओर से प्रतिक्रिया—व्हाइट हाउस, न्यूक्लियर वार्ता (स्विट्ज़रलैंड)

7. निष्कर्ष

  • इज़राइल को इंटरसेप्टर और गोलाबारूद में कमी का सामना था पर वे आत्मनिर्भरता की राह पर हैं।
  • इज़राइल की निर्मित मिसाइल सिस्टम हाइ-टेक, सटीक और महंगे — लेकिन स्टॉक सीमित।
  • ईरान की मिसाइल ताकत बड़ी है—विशेषकर हाइपरसोनिक Fattah‑1 जैसी नई प्रविधियां, लेकिन लॉन्चर और इन्वेंटरी नुकसान से जूझ रहा है।
  • युद्ध की दिशा, खर्च और वैश्विक राजनीति—सभी जुड़ी हुई हैं; आत्मनिर्भरता की बात सिर्फ हथियार नहीं, एक राष्ट्रीय रणनीति का हिस्सा है।
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