Colon Cancer: Symptoms, Causes, and Treatment

Zeel Donga
9 Min Read
Colon Cancer

Introduction

Colon Cancer, जिसे आंत का कैंसर या बृहदान्त्र का कैंसर भी कहा जाता है, दुनिया भर में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है। यह कैंसर बृहदान्त्र (कोलन) या मलाशय (रेक्टम) में विकसित होता है और समय रहते इसका पता न चलने पर जीवन के लिए खतरा बन सकता है। इस लेख में, हम कोलन कैंसर के लक्षण, कारण, निदान, और उपचार के तरीकों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

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What is Colon cancer?

कोलन कैंसर बृहदान्त्र की आंतों की भीतरी परत में कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि के कारण होता है। ये असामान्य कोशिकाएँ धीरे-धीरे ट्यूमर का रूप ले लेती हैं और फिर कैंसर में परिवर्तित हो जाती हैं। यदि इस कैंसर का समय पर उपचार न किया जाए, तो यह शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है।

Colon cancer symptoms | Symptoms of Colon cancer in man | What are the symptoms of Colon cancer

कोलन कैंसर के लक्षण शुरुआती चरण में स्पष्ट नहीं होते, लेकिन जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, निम्नलिखित लक्षण प्रकट हो सकते हैं:

  1. शौच में बदलाव:
    यदि शौच में लगातार परिवर्तन हो रहे हैं, जैसे कब्ज, दस्त, या शौच में रक्त आना, तो यह कोलन कैंसर का संकेत हो सकता है।
  2. शौच के बाद भी पूर्ण रूप से साफ महसूस न होना:
    शौच के बाद भी अगर पेट साफ नहीं लग रहा है, तो यह भी एक लक्षण हो सकता है।
  3. खून की कमी (एनीमिया):
    आंतों में रक्तस्राव के कारण शरीर में खून की कमी हो सकती है, जिससे थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।
  4. अचानक वजन घटना:
    बिना किसी कारण के अचानक वजन कम होना भी कोलन कैंसर का संकेत हो सकता है।
  5. पेट में दर्द या ऐंठन:
    पेट में दर्द, ऐंठन, या असहजता महसूस करना भी कोलन कैंसर का एक लक्षण हो सकता है।
  6. थकान और कमजोरी:
    कैंसर की वजह से शरीर में ऊर्जा की कमी हो सकती है, जिससे थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।

Causes of Colon cancer

कोलन कैंसर के विकास के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  1. आनुवंशिकता:
    यदि परिवार में किसी को कोलन कैंसर हुआ है, तो यह बीमारी अन्य सदस्यों में भी विकसित हो सकती है।
  2. आहार:
    उच्च वसा और कम फाइबर युक्त आहार, जैसे रेड मीट और प्रोसेस्ड फूड, कोलन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
  3. धूम्रपान और शराब:
    धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन कोलन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है।
  4. मोटापा:
    अधिक वजन या मोटापा कोलन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।
  5. शारीरिक निष्क्रियता:
    जो लोग नियमित रूप से शारीरिक गतिविधि नहीं करते, उनमें कोलन कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।
  6. पुरानी सूजन संबंधी बीमारियाँ:
    जो लोग क्रोहन रोग या अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसी पुरानी सूजन संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं, उनमें कोलन कैंसर का खतरा अधिक होता है।

Colon Cancer diagnosis

कोलन कैंसर के निदान के लिए विभिन्न परीक्षण और प्रक्रियाएं की जाती हैं:

  1. कोलोनोस्कोपी:
    कोलोनोस्कोपी एक प्रमुख परीक्षण है, जिसमें एक लंबी, लचीली ट्यूब के माध्यम से कोलन और रेक्टम की जांच की जाती है। इसमें किसी भी असामान्य वृद्धि को देखा जा सकता है और बायोप्सी के लिए ऊतक का नमूना लिया जा सकता है।
  2. सिग्मॉइडोस्कोपी:
    यह परीक्षण कोलोनोस्कोपी के समान है, लेकिन इसमें केवल बृहदान्त्र के निचले हिस्से की जांच की जाती है।
  3. एफआईटी टेस्ट:
    यह एक स्टूल टेस्ट है, जिसमें मल में खून की उपस्थिति की जांच की जाती है, जो कोलन कैंसर का संकेत हो सकता है।
  4. सीटी स्कैन:
    सीटी स्कैन का उपयोग पेट और आंतों की गहराई से जांच करने के लिए किया जाता है, ताकि कैंसर की स्थिति का पता लगाया जा सके।
  5. बायोप्सी:
    बायोप्सी में प्रभावित ऊतक का नमूना लिया जाता है और माइक्रोस्कोप के तहत उसका अध्ययन किया जाता है ताकि कैंसर की पुष्टि हो सके।

Colon cancer treatment | How is Colon cancer treated | How do you treat colon cancer

कोलन कैंसर का उपचार कई तरीकों से किया जा सकता है, जो कैंसर की स्थिति और रोगी की शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है। कुछ प्रमुख उपचार इस प्रकार हैं:

  1. सर्जरी:
    कोलन कैंसर के शुरुआती चरण में सर्जरी से कैंसरयुक्त ट्यूमर को हटा दिया जाता है। इस प्रक्रिया में बृहदान्त्र के प्रभावित हिस्से को काटकर निकाल दिया जाता है और शेष बृहदान्त्र को फिर से जोड़ दिया जाता है।
  2. रेडियोथेरेपी:
    रेडियोथेरेपी में उच्च-ऊर्जा किरणों का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। यह उपचार सर्जरी के बाद या पहले किया जा सकता है।
  3. कीमोथेरेपी:
    कीमोथेरेपी में कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए विशेष दवाओं का उपयोग किया जाता है। यह उपचार सर्जरी के बाद या सर्जरी से पहले किया जा सकता है।
  4. इम्यूनोथेरेपी:
    इम्यूनोथेरेपी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर के खिलाफ लड़ने के लिए मजबूती प्रदान करती है। यह उपचार मुख्य रूप से उन्नत कोलन कैंसर के मामलों में किया जाता है।
  5. लक्ष्यित चिकित्सा (Targeted Therapy):
    इस उपचार में विशिष्ट अणुओं को निशाना बनाया जाता है, जो कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को बढ़ावा देते हैं। इस उपचार का उद्देश्य स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बिना कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करना है।

Colon cancer prevention measures

कोलन कैंसर से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  1. स्वास्थ्यवर्धक आहार:
    उच्च फाइबर, फल, सब्जियां और साबुत अनाज युक्त आहार का सेवन करें। रेड मीट और प्रोसेस्ड फूड के सेवन को सीमित करें।
  2. शारीरिक गतिविधि:
    नियमित रूप से व्यायाम करें। शारीरिक गतिविधि से वजन को नियंत्रित रखा जा सकता है और कोलन कैंसर का खतरा कम किया जा सकता है।
  3. धूम्रपान और शराब से बचें:
    धूम्रपान और शराब का सेवन न करें। यह आदतें कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
  4. नियमित जांच:
    नियमित रूप से कोलोनोस्कोपी और अन्य स्क्रीनिंग टेस्ट करवाएं, विशेषकर अगर आपका पारिवारिक इतिहास कोलन कैंसर का है।
  5. विटामिन डी:
    विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा में सेवन करें, क्योंकि यह कोलन कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है।

life with Colon cancer

life with Colon cancer
life with Colon cancer

कोलन कैंसर के निदान के बाद जीवन में कई परिवर्तन आ सकते हैं। इस स्थिति में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परिवार और दोस्तों का समर्थन, डॉक्टरों के साथ नियमित संपर्क, और स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना आवश्यक है।

  1. मानसिक समर्थन:
    कैंसर का सामना करना मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। मानसिक स्वास्थ्य के लिए थेरेपी और समर्थन समूह में शामिल होना लाभकारी हो सकता है।
  2. आहार और व्यायाम:
    पोषक तत्वों से भरपूर आहार और नियमित व्यायाम आपके शरीर को मजबूत रखने में मदद करेंगे। यह उपचार के प्रभाव को भी बढ़ा सकता है।
  3. नियमित चिकित्सा जांच:
    नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाएं और इलाज के बाद की स्थिति पर ध्यान दें। इससे पुनः कैंसर के लौटने की संभावना को कम किया जा सकता है।

निष्कर्ष

कोलन कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन समय पर निदान और उपचार से इसे सफलतापूर्वक नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लक्षणों को पहचानना और नियमित चिकित्सा जांच करवाना आवश्यक है। स्वास्थ्यवर्धक आहार, नियमित व्यायाम, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर कोलन कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है। यदि आपको कोई संदिग्ध लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और आवश्यक जांच

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