How to Improve Memory Power : आज कल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास अपने लिए या अपनों के लिए समय नहीं है। ऐसे में काम का इतना ओवरलोड होता है की हम चीज़ो को याद रखना भूल जाते है। ऐसे में कई बार भूल जाने की वजह से क्या कुछ हो शकता है। बच्चो से लेकर वृद्धो तक सबको अपनी यादशक्ति को मजबूत रखना होता है। बच्चो को अपनी परीक्षा के लिए , कामयाब पेशेवर को अपने काम के लिए सबको अपनी याददास्त मजबूत बनानी होती है। तो अब चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है हम आपके लिए घरेलु आसान टिप्स लाये है जिसे आपको अपने आहार के साथ समावेश करना है।
तो चलिए जानते कैसे बढ़ती है हमारी यादशक्ति ? ऐसा क्या खाये तो हमारी याददास्त बढ़ शक्ति है ? How to Improve Memory Power ?
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- चिरौन्जी में ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन E और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। ये सभी पोषक तत्व मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं और याददाश्त, एकाग्रता और सीखने की क्षमता को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
- शिंगोड़े में भी विटामिन E, B12, और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व होते हैं जो मस्तिष्क के लिए फायदेमंद होते हैं। शिंगोड़े में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट मस्तिष्क की कोशिकाओं को क्षति से बचाने में मदद करते हैं।
- कद्दू के बीज को छीलकर, कद्दू पाग बनाकर खाने से स्मरण शक्ति में लाभ होता है।
- स्मरण शक्ति के लिए तरबूज के बीज की गिरी खानी चाहिए।
- स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए आम के मौसम में पके आम का रस, दूध, अदरक का रस और चीनी उचित मात्रा में लेकर एकरस बनाकर धीरे-धीरे पीना चाहिए। इस प्रयोग को रोज़ाना सुबह-शाम नियमित करना चाहिए। इससे स्मरण शक्ति में अच्छा सुधार होता है और मानसिक ताकत भी काफी बढ़ती है। अवसाद के रोगियों के लिए यह प्रयोग बहुत लाभकारी है।
- शहद के साथ दालचीनी पाउडर या दालचीनी के टुकड़े मुँह में रखकर चूसते रहने से भूल ने की समस्या दूर होती है। यह प्रयोग हर उम्र के लोगों के लिए असरकारक है। (हालाँकि, दालचीनी का अधिक प्रयोग अपच ला सकता है।)
- गलो, बड़े गोखरू, आंवला, जठीमध, शंखपुष्पी और ब्राह्मी चूर्ण को समान वजन में लेकर उनमें से 3 से 6 ग्राम 40 वर्ष की उम्र के बाद रोजाना एक या दो बार नियमित रूप से लेने से याददाश्त बनी रहती है। साथ ही वात का प्रकोप नहीं हो, ऐसा आहार-विहार रखना चाहिए। इससे यौवन भी लंबे समय तक बना रहता है।
- अश्वगंधा, वरधारू, आंवला, मकोय, गोक्षुरू, गिलोय और ब्राह्मी को समान मात्रा में मिलाकर ३ से ६ ग्राम चूर्ण बनाएं और गाय के घी और शहद के साथ सुबह-शाम लें। इसके बाद दूध पीने से याददाश्त बढ़ती है। (घी और शहद को विषम मात्रा में लें। कफ प्रकृति हो तो शहद दोगुना और वात प्रकृति में घी दोगुना लें।) इसके अलावा ब्राह्मी घृत, सारस्वतारिष्ट, सारस्वत चूर्ण, वाचा दी चूर्ण, ब्राह्मी वटी, यशद भस्म, ज्योतिष्मती रसायन, गडच्यादि रसायन, बादाम पाक, चतुर्वक्य रास, योगेंद्र रास, रसराज रास, नगोड आदि औषधियों में से एक-दो के प्रयोग से भी स्मरण शक्ति बरकरार रहती है।
- बादाम में विटामिन ‘ई’ होता है, जिससे याददाश्त बनी रहती है, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट मस्तिष्क की कोशिकाओं में होने वाली गड़बड़ी की मात्रा को कम करते हैं। विटामिन ‘ई’ की गोली की बजाय बादाम लेना बेहतर है।
- शंखपुष्पी के पूरे पौधे (सभी अंगों) का चूर्ण 10 ग्राम, बादाम 5, खसखस 1/4 चम्मच, काली मिर्च 10, छोटी इलायची 5, सौंफ 1/2 चम्मच और गुलाब की पंखुड़ियां 10 को अच्छी तरह पीसकर चटनी जैसा बना लें। इसे एक गिलास गर्म दूध में मिलाकर दो चम्मच शक्कर डालकर अच्छी तरह हिलाएं और ठंडा करके रोज रात को सोते समय पीने से याददाश्त और एकाग्रता बढ़ती है। विद्यार्थियों के लिए परीक्षा के दिनों में यह प्रयोग लाभकारी है।
- भोजन के पंद्रह मिनट पहले नियमित रूप से सेब खाने से याददाश्त में सुधार होता है।रोज सुबह सेब का मुरब्बा खाने से याददाश्त तेज हो जाती है और बी.पी. सामान्य हो जाता है।
- एक बड़ा चम्मच सौंफ का चूर्ण और शक्कर वाला दही सुबह-शाम खाने से याददाश्त बढ़ती है।
- सेब का रस पीने से याददाश्त बढ़ती है। याददाश्त बढ़ाने के लिए आवश्यक एसिटाइलकोलाइन नामक रसायन में सेब का रस वृद्धि करता है। एसिटाइलकोलाइन एक रसायन है जो न्यूरॉन्स में उत्पन्न होता है और अन्य न्यूरॉन्स को संदेश पहुंचाने का काम करता है। केवल मस्तिष्क में ही नहीं बल्कि पूरे शरीर में संदेश संप्रेषण सक्षम हो तो स्वास्थ्य बना रहता है। मस्तिष्क की बीमारी अल्जाइमर के रोगियों को दवा के साथ-साथ खाने में सेब, सेब का रस और इसकी रेसिपी देना चाहिए।
- एक चम्मच बांसलोचन का चूर्ण, थोड़ी सी छोटी इलायची का चूर्ण, थोड़ी सी चीनी और घी मिलाकर नियमित रूप से लेने से याददाश्त बढ़ती है।
- आंवला का नियमित उपयोग करने से याददाश्त बढ़ती है।
- रोज आधा चम्मच सौंफ का चूर्ण मधु या घी के साथ सुबह चाटने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। घी में बने भोजन को नियमित रूप से लेने से याददाश्त बढ़ती है।
- आमला, बला, नागबला, जेठीमध, शांखपुष्पी, गुग्गुल, शिलाजीत, डोडी, मेथी और पनूवा ये ग्यारह औषधि श्रेष्ठ रसायनिक औषधि हैं। इनका नियमित उपयोग करने से याददाश्त में सुधार होता है।
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यादशक्ति बढ़ने के योग का भी बहोत महत्वपूर्ण काम रह चूका है। इधर कुछ प्राणायाम और योग बताये जो रोजाना करने से याददाश्त बढ़ सहकती है।
- भ्रामरी प्राणायाम: इसमें आपको अपने अंगुलियों को अपने कानों में डालकर नाक से संवादना करना होता है। इस प्राणायाम को करने से मानसिक चिंतन की शक्ति बढ़ती है।
- पद्मासन: यह आसन ध्यान और मानसिक स्थिरता को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे याददाश्त भी सुधारती है।
- पश्चिमोत्तानासन
- सेतुबंधासन
- सर्वांगासन
- हलासन
निष्कर्ष
ऊपर दी गयी माहिती हमने इंटरनेट के माधयम से एकत्रित की है इस का एक मात्र उद्देश्य आपको माहिती प्रदान करना है। अगर आपको कुछ भी ऐसा वैसा लगे तो जल्द से आप अपने चिकित्सक का परामर्श कीजिए।